Friday, 25 January 2013

हर काम सही है,अगर अंजाम सही है

"हर काम सही है,अगर अंजाम सही है"

नंगों को  मिले कपड़े तो ये काम सही है ,
हमसे अगर छीनोगे तो,कोहराम सही है।

कल उन्हें ग़लती का एहसास भी होगा,
जो  कह रहें हैं फ़ैसला हर दाम सही है।

आगाज़ की रंगीनियाँ ख़ुद चीख़ रही हैं,
हर काम सही है,अगर अंजाम सही है।

कुछ करते रहें बेहतर है,ख़ामोश न रहें,
ग़लतियाँ दोहराने से तो आराम सही है।

बेचैनियाँ सीने में लिए फिरते हो यारों,
सुबह  सही है  ना भाई , शाम सही  है।
                    गिरिराज भंडारी 



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