खोजिये तो ऎसी फ़ितरत कौन सबको दे गया?
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शब्द सारे जो खरीदा, वो मौन उनको दे गया,
सोचिये तो इतनी क़ीमत कौन उनको दे गया ?
इस जगह से उस जगह तक, हर जगह पाई गई,
जांचिये तो इतनी दौलत कौन उनको दे गया ?
इस शहर में , ये उदासी ,थी तो कभी पहले नहीं,
जानिये तो,फ़िर ये ग़ुरबत कौन किसको दे गया ?
हर कोई डरा डरा ,सहमा हुआ सा है हर नगर,
देखिये तो ऐसी दहशत कौन इनको दे गया ?
लूट इतनी, झूट इतने,औ भ्रष्टाचारी इस क़दर,
खोजिये तो ऎसी फ़ितरत कौन सबको दे गया ?
जिस क़दर ये देश फिसला है,सभी चिंतित लगे,
रोकिये अब ,ऐसी हालत कौन हमको दे गया ?
गिरिराज भंडारी
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शब्द सारे जो खरीदा, वो मौन उनको दे गया,
सोचिये तो इतनी क़ीमत कौन उनको दे गया ?
इस जगह से उस जगह तक, हर जगह पाई गई,
जांचिये तो इतनी दौलत कौन उनको दे गया ?
इस शहर में , ये उदासी ,थी तो कभी पहले नहीं,
जानिये तो,फ़िर ये ग़ुरबत कौन किसको दे गया ?
हर कोई डरा डरा ,सहमा हुआ सा है हर नगर,
देखिये तो ऐसी दहशत कौन इनको दे गया ?
लूट इतनी, झूट इतने,औ भ्रष्टाचारी इस क़दर,
खोजिये तो ऎसी फ़ितरत कौन सबको दे गया ?
जिस क़दर ये देश फिसला है,सभी चिंतित लगे,
रोकिये अब ,ऐसी हालत कौन हमको दे गया ?
गिरिराज भंडारी
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