छू कर,हिला कर,मैं पानी डाल कर देखा,
नींद टूटी नहीं , मैं गला फाड़ कर देखा ।
सूरत आईने में उभरी तो ऐसे घबराए ,
आइना रगड़ के,झाड़ झाड़ कर देखा ।
निष्कर्ष तक कब कोई बहस पहुंचीहै?
कभी हारा कभी पछाड़ कर देखा ।
नींद टूटी नहीं , मैं गला फाड़ कर देखा ।
सूरत आईने में उभरी तो ऐसे घबराए ,
आइना रगड़ के,झाड़ झाड़ कर देखा ।
निष्कर्ष तक कब कोई बहस पहुंचीहै?
कभी हारा कभी पछाड़ कर देखा ।
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