किसी को उदास देख कर
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तनहाइयों से निबाह मत करना,
ख़ुद की ख़ातिर गुनाह मत करना।
ख़याल आते हैं, सताते हैं, मगर
चले भी जायेंगे,परवाह मत करना।
दुनिया देख के,हँसेगी,मज़ा लेलेगी,
दर्द में आह-आह मत करना।
गर्क़ बेड़ा किया,जिस ख्वाहिश ने,
फिर उसी की चाह मत करना ।
जेह्नियत में ज़हर बुझाये फिरते हैं , जेह्नियत= धारणा,विचार
उनसे बस रस्मोराह मत करना।
मौक़े बहुत है, लम्बी है ज़िन्दगी,
तू बस, उनको तबाह मत करना।
गिरिराज भंडारी -3/2/2013
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तनहाइयों से निबाह मत करना,
ख़ुद की ख़ातिर गुनाह मत करना।
ख़याल आते हैं, सताते हैं, मगर
चले भी जायेंगे,परवाह मत करना।
दुनिया देख के,हँसेगी,मज़ा लेलेगी,
दर्द में आह-आह मत करना।
गर्क़ बेड़ा किया,जिस ख्वाहिश ने,
फिर उसी की चाह मत करना ।
जेह्नियत में ज़हर बुझाये फिरते हैं , जेह्नियत= धारणा,विचार
उनसे बस रस्मोराह मत करना।
मौक़े बहुत है, लम्बी है ज़िन्दगी,
तू बस, उनको तबाह मत करना।
गिरिराज भंडारी -3/2/2013
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