तुम्हारी झील सी आँखों में, जो डोरे गुलाबी है
कई आशिक इन आँखों के, कई आँखे शराबी है
कई बेखुद पड़े हैं, होश अब तक आ नहीं पाया
इन्हें मयखाना नाम दें, तो इसमे क्या खराबी है
कई आशिक इन आँखों के, कई आँखे शराबी है
कई बेखुद पड़े हैं, होश अब तक आ नहीं पाया
इन्हें मयखाना नाम दें, तो इसमे क्या खराबी है
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