मातृ - भाषा हिन्दी बहुत उदास है
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आयातित हर चीज़ यहाँ पर ख़ास है
अंगरेजी बोले उसको मधुमास है
घर की भाषा भिखमंगी सी दिखी यहाँ
मातृ - भाषा हिन्दी बहुत उदास है
गिरिराज भंडारी
गिरीराज जी मातृभाषा बिल्कुल उदास होगी नहीं, जब तक आप और हम है तब तक। और 'आप' और 'हम' में पूरे मातृभाषा प्रेमियों की भावनाएं-योगदान रहेगा। डॉत्.विजय शिंदे
बिल्कुल सही कहा आपने भंडारी महोदय!
ReplyDeleteहमारे देश में अब हिन्दी का प्रयोग ही हीनता का विषय और अंग्रेजी गौरव की बात बनती जा रही है,कितनी शर्म की बात है।
गिरीराज जी मातृभाषा बिल्कुल उदास होगी नहीं, जब तक आप और हम है तब तक। और 'आप' और 'हम' में पूरे मातृभाषा प्रेमियों की भावनाएं-योगदान रहेगा।
ReplyDeleteडॉत्.विजय शिंदे