तासीर में ये सभी
शरारे
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हर तरफ आंसुओं की धारे हैं
उनकी खामोशियाँ भी मारे हैं
आओ तूफाँ से दोस्ती कर लें
फिर कहेंगे कि हम किनारे हैं
हद हैवानियत की आ पहुँची
इंसानियत को बहुत उतारे हैं
फिर बचाने को कई आयेंगे
बालीवुड के बडे सितारे हैं
लफ्ज़ इनको न समझना
यारों
तासीर में ये सभी
शरारे हैं
( शरारे =चिंगारी )
मुझे बहलाने की कोशिश छोड़ें
नज़र के आगे ,
सब नज़ारे हैं
हम में कुछ साजिशों चंगुल के
और कुछ चुप्पियों के मारे हैं
गिरिराज भंडारी
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