Sunday 30 June 2013

तासीर में ये सभी शरारे *******************



तासीर में ये सभी शरारे
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हर तरफ आंसुओं की धारे हैं
उनकी खामोशियाँ भी मारे हैं

आओ तूफाँ से दोस्ती कर लें
फिर कहेंगे कि हम किनारे हैं

हद हैवानियत की आ पहुँची
इंसानियत को बहुत उतारे हैं

फिर बचाने को कई आयेंगे
बालीवुड के बडे सितारे हैं

लफ्ज़ इनको न समझना यारों
तासीर में  ये सभी शरारे हैं               ( शरारे =चिंगारी )

मुझे बहलाने की कोशिश छोड़ें
नज़र के आगे , सब नज़ारे हैं

हम में कुछ साजिशों चंगुल के 
और कुछ चुप्पियों के मारे हैं 

             गिरिराज भंडारी



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